Vishwa Sahitya Parishad
हर दिन संस्कृत का एक श्लोक सीखें महानायक आज़ाद

अहम् ब्रह्मास्मि के अपार सफलता के बाद संस्कृत पुनरूत्थान के महानायक मेगास्टार आज़ाद ने आज राम मंदिर को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया और कहा की इस सबसे बड़े विवाद के निपटने के बाद अब भारत का नवनिर्माण होगा | आज़ाद ने आगे कहा कि हर सनातनी अपने पुरातन काल से जुड़े रहने और सनातन परंपरा बनाये रखने के लिए , हर दिन संस्कृत का एक श्लोक याद करें औरअपनी परंपरा को मज़बूत बनाएँ ..
संस्कृत को जनभाषा बनाना ही मेरा एक मात्र लक्ष्य है...
परैरुक्तगुणो यस्तु, निर्गुणोSपि गुणी भवेत्,
इन्द्रोSपि लघुतां याति, स्वयं प्रख्यापितैर्गुणै:|
अर्थात- यदि अन्य लोग किसी को गुणवान कहते हैं तो वह व्यक्ति गुणहीन होते हुए भी गुणवान समझा जाता है| परन्तु यदि कोई व्यक्ति स्वयं ही अपने गुणों का वर्णन करता है तो चाहे वह स्वयं देवताओं का राजा इन्द्र ही क्यों न हों, वह अपनी गरिमा खो देता है |

